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सी-डॉट और आईआईटी, जोधपुर ने "एआई का उपयोग करके 5जी और उससे आगे के नेटवर्क में स्वचालित सेवा प्रबंधन" के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सी-डॉट और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर (आईआईटी-जे) ने "एआई का उपयोग करके 5जी और उससे आगे के नेटवर्क में स्वचालित सेवा प्रबंधन" के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते पर DoT के टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) के तहत हस्ताक्षर किए गए हैं, जो कि किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं को सक्षम करने के लिए प्रौद्योगिकी डिजाइन, विकास, दूरसंचार उत्पादों के व्यावसायीकरण और समाधान में शामिल घरेलू कंपनियों और संस्थानों को वित्त पोषण सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्र. प्राथमिक उद्देश्य 5जी जैसे नेटवर्क के भीतर उत्पन्न निरंतर जानकारी का उपयोग करके स्वचालित नेटवर्क प्रबंधन, गलती का पता लगाने और निदान तकनीकों के लिए एआई ढांचे को विकसित करना है। यह सेवा स्मार्ट मीटरिंग, दूर से संचालित वाहनों आदि जैसे विशिष्ट अनुप्रयोग उपयोग-मामलों के संयोजन में विकसित स्वचालित नेटवर्क प्रबंधन और स्लाइसिंग तकनीकों के प्रदर्शन के लिए एक वास्तविक समय 5जी और परे परीक्षण (ओ-आरएएन के अनुपालन में) स्थापित करेगी।

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टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (सी-डॉट) और सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए 'एनएवीआईसी आधारित आईएसटी ट्रेस करने योग्य प्राथमिक संदर्भ समय घड़ी (पीआरटीसी) के विकास' के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सी-डॉट और सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) ने दूरसंचार के लिए 'एनएवीआईसी आधारित आईएसटी ट्रेसेबल प्राइमरी रेफरेंस टाइम क्लॉक (पीआरटीसी) के विकास' के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। क्षेत्र'।

यह समझौता भारत सरकार के दूरसंचार विभाग की दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना के तहत प्रौद्योगिकी डिजाइन, विकास, दूरसंचार उत्पादों के व्यावसायीकरण और किफायती ब्रॉडबैंड को सक्षम करने के समाधान में शामिल घरेलू कंपनियों और संस्थानों को वित्त पोषण सहायता प्रदान करने के लिए किया गया है। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में मोबाइल सेवाएं।

यह परियोजना एक ऐसे उपकरण के विकास पर केंद्रित है जो ± 20 एनएस के भीतर सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को सीधे भारतीय मानक समय (आईएसटी) ट्रेसबिलिटी प्रदान करेगा। इससे भारत को जीपीएस पर निर्भरता कम करने, आईआरएनएसएस/एनएवीआईसी पर स्विच करने, लेनदेन के डिजिटल फोरेंसिक विश्लेषण, साइबर सुरक्षित नेटवर्क, कॉल ड्रॉप को कम करने और सभी दूरसंचार सेवाओं को एक संदर्भ समय स्रोत आईएसटी के साथ सिंक्रनाइज़ करने से लेकर कई तरीकों से लाभ होगा, जिसे द्वारा विकसित किया गया है। सीएसआईआर-एनपीएल।

दूरसंचार नेटवर्क का समय सिंक्रनाइज़ेशन एक मजबूत साइबर सुरक्षित राष्ट्र की नींव होगी, क्योंकि प्रत्येक बैंक लेनदेन, शेयर बाजार लेनदेन और सूचना का आदान-प्रदान टीएसपी और आईएसपी के माध्यम से होता है। NavIC आधारित IST ट्रेसेबल प्राइमरी रेफरेंस टाइम क्लॉक (PRTC) का विकास एक पहल है जिसका उद्देश्य "एक राष्ट्र एक समय" के उद्देश्य को प्राप्त करना है।

समझौते पर हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए, सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने हमारे देश की समृद्धि के लाभ और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भविष्य के अभिनव समाधान विकसित करने में भारतीय अनुसंधान एवं विकास की जबरदस्त क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने "आत्मनिर्भर भारत" के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए संयुक्त हित के अन्य क्षेत्रों में सहयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आशीष अग्रवाल और डॉ. के.के. मौर्य के साथ-साथ एनपीएल के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक भी उपस्थित थे। समझौते पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान सी-डॉट के निदेशक डॉ. पंकज कुमार दलेला, सुश्री शिखा श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

सी-डॉट और सीएसआईआर-एनपीएल दोनों ने अपना उत्साह व्यक्त किया और इस भागीदारी को शानदार सफलता के साथ आगे ले जाने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।

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श्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली के सी-डॉट कैंपस में उद्यमशीलता प्रकोष्ठ एवं नवोन्मेषण केंद्र का उद्घाटन किया

केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना तथा प्रौद्योगिकी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज भारत सरकार के दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के दिल्ली के कैंपस में उद्यमशीलता प्रकोष्ठ एवं नवोन्मेषण केंद्र (सीओआई) का उद्घाटन किया।  सीओआई की स्थापना आरएंडडी, शिक्षा क्षेत्र, उद्योग एवं स्टार्टअप्स के बीच समन्वयकारी सहयोग द्वारा प्रेरित समग्र प्रौद्योगिकीय संरचना को सुदृढ़ बनाने में स्थानीय स्टार्टअप्स, जो देश में किफायती तथा वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी दूरसंचार समाधानों की डिजाइन, विकास तथा तैनाती में गति लाएगा, की उल्लेखनीय भूमिका को प्रोत्साहित करने के द्वारा आईओटी/एम2एम, एआई/एमएल, 5जी आदि जैसे दूरसंचार के डोमेन में स्वदेशी नवोन्मेषण तथा उद्यमिता में तेजी लाने के लिए की गई है। श्री अश्विनी वैष्णव ने 5जी,  क्वांटम की डिस्ट्रिब्यूशन (क्यूकेडी) तथा उन्नत सुरक्षा परियोजनाओं सहित सी-डॉट के जारी प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों की भी समीक्षा की। उन्होंने दूरसंचार प्रौद्योगिकीयों के डिजाइन एवं विकास से जुड़े युवा इंजीनियरों तथा शोधकर्ताओं के साथ परस्पर बातचीत की। सी-डॉट के इंजीनियरों ने कई प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं में श्री वैष्णव के समक्ष विभिन्न अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकीयों का प्रदर्शन किया। सी-डॉट के शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने स्थानीय उद्योग साझीदारों से सी-डॉट के कोर तथा आरएएन द्वारा संचालित पूर्ण स्वदेशी समग्र 4जी सिस्टम बनाने में सी-डॉट की टीमों के असाधारण प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस उपलब्धि को दूरसंचार के क्षेत्र में ‘‘आत्म निर्भर भारत’’  अर्जित करने की दिशा में एक ठोस कदम करार दिया।  श्री वैष्णव ने विश्व स्तरीय 5जी नेटवर्क के निर्माण में सी-डॉट और स्थानीय प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम की क्षमताओं में भरोसा जताया जो पूरी तरह से स्वदेश में विकसित प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित है। उन्होंने स्थानीय अनुसंधान और नवोन्मेषण को अभूतपूर्व सहायता तथा प्रोत्साहन देने के सरकार के विजन को रेखांकित किया। उन्होंने सी-डॉट को दूरसंचार में वैश्विक रूप से अग्रणी बनाने के लिए सरकार से पूरी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 में सी-डॉट द्वारा डिजाइन और विकसित पूर्ण स्वदेशी 5जी एनएसए कोर का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी), 2022 में सी-डॉट पवेलियन में सी-डॉट द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित 5जी नॉन-स्टैंडअलोन (एनएसए) कोर का शुभारंभ किया। बीएसएनएल चंडीगढ़ में स्थापित सी-डॉट 5जी एनएसए कोर और विसिग नेटवर्क्स, वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज और रैडिसिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) का उपयोग करके एंड-टू-एंड 5जी कॉल का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय स्टार्ट-अप के सहयोग से विभिन्न 5जी यूज-केस को लागू किया गया है। हरियाणा के भोरा कलां गांव और हिमाचल प्रदेश के मटियाना गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पूर्ण स्वदेशी 5जी एनएसए प्रणाली और स्टार्ट-अप की ई-हेल्थ सॉल्यूशन का उपयोग करके वीडियो कॉल करके नागरिकों को दूरस्थ चिकित्सा सहायता प्रदान करने का एक अभिनव यूज-केस प्रदर्शित किया गया। यह "गति शक्ति" की सामंजस्यपूर्ण भावना की एक सच्ची अभिव्यक्ति है जो "आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण की दिशा में है। सी-डॉट ने आईएमसी 2022 में अपने बूथ में ऑप्टिकल संचार, स्विचिंग और रूटिंग सिस्टम, वायरलेस संचार प्रौद्योगिकियों - वाईफाई, 4जी और 5जी, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कम्युनिकेशन, नेटवर्क मैनेजमेंट और आईओटी/ एम2एम, एआई/एमएल, एआर/वीआर और बिग डेटा पर आधारित कई टेलीकॉम सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन जैसे अपने अनेक उत्पाद और सॉल्यूशन प्रदर्शित किए।

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C-DOT और IIT, दिल्ली ने IoT/M2M, AI/ML, साइबर सुरक्षा और 5G और परे प्रौद्योगिकियों सहित दूरसंचार के विभिन्न उभरते क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Centre for Development of Telematics (C-DOT), the premier Telecom R&D centre of the Department of Telecommunications, Ministry of Communications, Government of India and the Indian Institute of Technology, Delhi (IITD) have signed a Memorandum of Understanding (MoU) for cooperation in various areas of Telecom spanning IoT/M2M, AI/ML, Cyber Security and 5G & Beyond technologies, here today. IITD, an institute of national importance and Institute of Eminence (IoE) has been keenly working in the field of communication and associated technologies. Bharti School of Telecommunication at IITD has taken up its major initiative of multi-disciplinary advanced research and solution development for emerging national needs, in collaboration with industry and other premier R&D organizations. This MoU aims to evolve a mutually productive framework for collaboration between R&D and academia to spur the design & development of wholly indigenous Telecom solutions. This will be an effective platform for exchange of knowledge and skill amongst students, faculty and researchers right from the stage of ideation and conceptualization. The platform would act as a catalyst to further the transition of novel ideas into market-ready solutions.

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C-DOT and NDMA organise All India Workshop on CAP based Integrated Alert System- SACHET to train state Governments to mitigate effects of disasters

Centre for Development of Telematics (C-DOT), the premier R&D centre of the Department of Telecommunications (DoT), Ministry of Communications, Government of India and National Disaster Management Authority (NDMA), Government of India jointly conducted an All-India Workshop centered on Common Alerting Protocol (CAP) based Integrated Alert System today here today. The workshop aimed to provide a platform to all the stake holders including Alert Generating Agencies, Alert Authorising Agencies and Alert Disseminating Agencies across India to discuss their underlying concerns and challenges and evolve the technology-based solutions to address these in an effective manner amid insightful discussions by a galaxy of experts and technologists. The Inaugural Session was chaired by Shri K Rajaraman, Chairman, Digital Communications Commission (DCC) and Secretary (Telecom), DOT. He exhorted that all forms of technology should be used collaboratively and appreciated the indigenous initiatives of C-DOT and NDMA in operationalising the Integrated Alert System. He said that saving lives is the fundamental responsibility of the Government and the country has marched very well in this direction. Substantial investment has been done in the recent years in telecom sector and all corners are connected now, so there should not be any remote area without alert mechanism. He emphasised the need of cell broadcast in the current network as well as the upcoming 5G NSA solutions.

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फोन पर मिलेगा आपदा का संदेश

नई दिल्ली। देश में एक ऐसा इंटीग्रेटेड अलर्ट सिस्टम तैयार किया गया है। जिससे आकाशीय बिजली गिरने या तूफान जैसी आने वाली आपदा के बारे में लोगों के मोबाइल पर सीधे संदेश भेजा जा सकेगा। समय रहते इस जानकारी के लिए लोगों को मौसम विभाग या जिला प्रशासन पर निर्भर नहीं रहना होगा। • भारत विश्व का छठा ऐसा देश, जिसके पास ऐसी प्रणाली होगी • आकाशीय बिजली, तूफान जैसी आपदाओं की जानकारी मिलेगी 'हिन्दुस्तान' को मिली जानकारी के मुताबिक फरवरी से पहले इसे देश भर में लॉन्च कर दिया जाएगा। अमेरिका, जर्मनी, इटली, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत छठा ऐसा देश होगा जिसके पास ऐसी चेतावनी प्रणाली होगी । संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स यानि सी-डॉट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर राजकुमार उपाध्याय ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि उनके विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित अलर्ट सिस्टम तैयार किया है। इससे मौसम, आकाशीय बिजली, तूफान, कानून व्यवस्था, आग लगने और महामारी जैसी तमाम आपदाओं से जुड़ी जानकारी निश्चित इलाके के लोगों को सीधे एसएमएस और दूसरे संचार मध्यमों के जरिए देने का काम बड़ी आसानी हो जाएगा। सी डॉट की तरफ से तैयार तकनीक का कोरोना काल में संदेशों को भेजने में लिए इस्तेमाल परीक्षण के तौर पर किया गया था। पृथकवास केंद्रों के लोग इलाके से बाहर तो नहीं जा रहे हैं, इसका पता लगाया गया था। सफल रहा परीक्षण: देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एसडीएमए विभागों को इस तकनीक से जोड़ दिया गया है। अमरनाथ यात्रा, बाढ़, तूफान, दंगों के दौरान 75 करोड़ एसएमएस के जरिये लोगों को चेतावनी देने का परीक्षण सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया है। सिस्टम लॉन्च करने के लिए फरवरी की डेडलाइन मिली है।

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एनडीएमए और सी-डॉट आपदा प्रबंधन और तैयारी के लिए सीएपी आधारित एकीकृत सार्वजनिक चेतावनी प्रणाली पर कार्यशाला आयोजित करेंगे

संचार मंत्रालय, भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केन्द्र,सी-डॉट (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) कल यानी 31 अगस्त, 2022 को यहां कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) आधारित इंटीग्रेटेड अलर्ट सिस्टम पर केन्द्रित सचेत नाम से एक अखिल भारतीय कार्यशाला का संयुक्त रूप से आयोजन कर रहे हैं। कार्यशाला का उद्देश्य पूरे भारत में संबंधित विभागों और विभिन्न आपदा प्रबंधन एजेंसियों को उनके अंतर्निहित मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है और जाने-माने विशेषज्ञों और प्रौद्योगिकीविदों द्वारा व्यावहारिक चर्चा के बीच प्रभावी तरीके से इनका समाधान करने के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित समाधान विकसित करना है। इस अवसर पर गृह मंत्रालय (एमएचए) में गृह सचिव आईएएस श्री अजय कुमार भल्ला मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर पर उपस्थित होंगे और डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष और सचिव (दूरसंचार) श्री के. राजारमन विशिष्ट अतिथि होंगे। एनडीएमए, डीओटी, भारतीय रेलवे, भारतीय मेट्रोलॉजिकल विभाग (आईएमडी), केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र (आईएनसीओआईएस), रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई), भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीएमए) सहित विभिन्न सरकारी विभागों के विभिन्न प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति और वक्ताकार्यशाला में भाग लेंगे और आपदा प्रबंधन और तैयारी से संबंधित विभिन्न समकालीन विषयों पर चर्चा करेंगे।

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C-DOT signs agreement with Galore Networks for collaborative development of end-to-end 5G Radio Access Network (RAN) products & solutions

Centre for Development of Telematics (C-DOT) is keen on building robust partnerships with various stakeholders of indigenous 5G ecosystem including local industry and start-ups. C-DOT has continued to lay great emphasis on evolving a well-coordinated collaborative framework that supports multiple 5G partners for healthy competition amongst key 5G players in an output-driven and target-oriented environment. In furtherance of its endeavour to boost indigenous development of 5G, C-DOT and Galore Networks have signed an agreement for collaborative development of end-to-end 5G RAN products & solutions. This collaborative approach based on achieving synergy and harmony amongst multiple ecosystem partners will facilitate the evolution of mutually productive and sustainable alliances. This will act as a catalyst resulting into indigenous design, development, manufacturing and deployment of cost-effective 5G products and solutions. This will bring the technical competencies and complementary strengths of Indian R&D and industry on a single unified platform leading to the creation of indigenous Intellectual Property (IP) assets that can generate new avenues for wider reach and commercialization of home-grown technologies at global level.

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केन्द्रीय मंत्रिमण्‍डल ने पैलेस डेस नेशन्स, जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में उपयोग किए जाने वाले 'वे फाइंडिंग एप्लीकेशन' के संबंध में भारत और संयुक्त राष्ट्र के बीच एक समझौते को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमण्‍डल ने पैलेस डेस नेशन्स, जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओजी) में उपयोग किए जाने वाले 'वे फाइंडिंग एप्लीकेशन' के संबंध में भारत सरकार और संयुक्‍त राष्‍ट्र के बीच एक समझौते पर हस्‍ताक्षर करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। इन इमारतों की जटिल संरचना और लोगों की भारी भागीदारी को ध्यान में रखते हुए, एक ऐसे दिशा सूचक एप्लीकेशन की जरूरत महसूस की गई जो आगंतुकों और अन्य प्रतिनिधियों को सभी सुरक्षा दृष्टिकोणों का पालन करते हुए परिसर के अंदर अपना रास्ता खोजने में मदद कर सके। इस परियोजना में यूएनएलजी के पैलेस डेस नेशन्स परिसर में दिशा सूचक सुविधा के लिए एक सॉफ्टवेयर-आधारित ‘वे फाइंडिंग एप्लीकेशन’ का विकास, उसकी तैनाती और उसका रखरखाव शामिल है। यह एप्लिकेशन यूएनओजी की पांच इमारतों में फैली 21 मंजिलों के भीतर उपयोगकर्ताओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक अपना रास्ता खोजने में समर्थ बनाएगा। यह ऐप इंटरनेट कनेक्शन से लैस एंड्रॉइड और आईओएस उपकरण में काम करेगा। इस ऐप के विकास का काम भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के एक स्वायत्त दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) को सौंपा गया है।

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सी-डॉट ने मिलकर 5जी ओपन रैन और अन्य उत्पादों के विकास के लिए वीवीडीएन टेक्नोलॉजिस प्रा. लि. और वाईसिग नेटवर्क्स प्रा. लि. के साथ समझौता किया

सी-डॉट दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार का एक प्रतिष्ठित आरएंडडी केंद्र है। सी-डॉट ने 4जी समाधान सहित विभिन्न अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकियां देश में ही तैयार की है और वह 5जी में काम करने के लिए काफी उत्सुक है। वाईसिग नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने 5जी मोबाइल कम्युनिकेशन उत्पादों और समाधानों सहित विभिन्न संचार समाधानों के विकास, विपणन और पेशकश के व्यवसाय से जुड़ा भावी स्टार्टअप है। वीवीडीएन टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड 5जी, नेटवर्किंग एवं वाई-फाई, आईओटी और क्लाउड स्टोरेज सर्विसेज सहित विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कार्यरत एक अग्रणी प्रोडक्ट इंजीनियरिंग और विनिर्माण कंपनी है। इस सहयोग का उद्देश्य 5जी उत्पादों और समाधानों का किफायती स्वदेशी डिजाइन, विकास, विनिर्माण और लागू करने के लिए एकजुट होकर भारतीय आरएंडडी और उद्योग की तकनीक दक्षताओं और पूरक क्षमताओं का दोहन करना है। इस जुड़ाव से स्वदेशी बौद्धिक संपदा को बढ़ाएगा और घरेलू 5जी उत्पादों और सॉल्यूशंस की व्यापक स्वीकार्यता और मुद्रीकरण के लिए नए रास्ते तैयार होंगे।

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C-DOT organizes annual Intellectual Property (IP) awards ceremony to felicitate its IP achievers in various areas of Telecom

Centre for Development of Telematics (C-DOT), the premier Telecom R&D Centre of the Department of Telecommunications, Ministry of Communications, Government of India organized the annual Intellectual Property (IP) awards ceremony to felicitate its IP achievers in various areas of Telecom. The event was graced by the esteemed presence of Shri Nizamul Haq, Member (Services), Digital Communications Commission, Department of Telecommunications, Government of India as the Chief Guest. Intellectual Property (IP) awards are conferred annually in C-DOT that are aimed at recognizing and rewarding the inventors and contributors. This year witnessed the IP contributions in diverse areas spanning Wi-Fi, 4G/5G, Broadcasting, Network Management, Security and Disaster Management. Researchers were honoured for their contribution towards Patents (Indian/Foreign), Trademarks, Copyrights, Design Registrations and publication of papers in various conferences and journals. A total of 43 inventors were awarded for their commendable achievements. Awards were distributed for achievements in the area of patents, copyrights, and design and research papers.

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सी-डॉट और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने आईओटी/एम2एम के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केन्‍द्र टेलीमैटिक्स विकास केन्‍द्र (सी-डॉट), और भारत के प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों में से एक, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने 17 मई, 2022 को "विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (डब्‍ल्‍यूटीआईएसडी)" के अवसर पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से दोनों संगठनों को भारत में आईओटी / एम2एम उपयोग विकसित और तैनात करने के लिए अपने-अपने डोमेन में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। आईओटी को अपनाना किसी भी संगठन की डिजिटल परिवर्तन यात्रा के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। हालांकि, वर्तमान तैनाती में, कुछ परिचालन चुनौतियां जैसे डिवाइस नेटवर्क संगतता, ओवर द एयर फर्मवेयर अपग्रेड, रिमोट डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन, सुरक्षा कमजोरियां और मालिकाना प्रोटोकॉल के साथ साइलो में कार्यान्वयन व्यवसायों को आईओटी के बड़े पैमाने पर लाभ प्राप्त करने से रोक रहे हैं। आईओटी कार्यान्वयन में इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, सी-डॉट और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड दोनों ने सहयोग करने और किसी एक संगठन तक सीमित नहीं होने के आधार पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति व्यक्त की है, ताकि वनएम2एम विनिर्देशों के खिलाफ विभिन्न समाधान प्रदाताओं के उपायों और उपकरणों का मूल्यांकन किया जा सके और संयुक्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जा सके।

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सी-डॉट ने विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (डब्ल्यूटीआईएसडी)- 2022 के अवसर पर "आईओटी/एम2एम के लिए नवाचार केंद्र (सीओआई)" पर वेबिनार का आयोजन किया

सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने 17 मई 2022 को "विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (डब्ल्यूटीआईएसडी)" के अवसर पर "आईओटी/एम2एम के लिए नवाचार केंद्र (सीओआई)" पर एक वेबिनार का आयोजन किया। सी-डॉट, भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अधीन दूरसंचार विभाग का एक प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान और विकास केंद्र है। डब्ल्यूटीआईएसडी-2022 "वृद्धजनों और स्वस्थ प्रौढ़ता के लिए डिजिटल तकनीक" विषयवस्तु पर केंद्रित है। दूरसंचार और सूचना व संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) लोगों को शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से स्वस्थ, संपर्क में बने रहने व स्वतंत्र रहने को लेकर सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ आर्थिक व स्वास्थ्य प्रणालियों की समग्र स्थिरता सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन्स (एम2एम)/इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) विशेष रूप से हमारे जीवन को नए तकनीकी नवाचारों के साथ आसान, आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिए लक्षित हैं। डब्ल्यूटीआईएससी- 2022 वेबिनार प्रासंगिक हितधारकों के योगदान के साथ स्वदेशी एम2एम/आईओटी इकोसिस्टम विकसित करने में "आईओटी/एम2एम के लिए नवाचार केंद्र" की भूमिका पर केंद्रित है। वहीं, इसका उद्देश्य उद्योग, स्टार्टअप्स, अकादमिक और व्यापक दूरसंचार समुदाय को तकनीकी नवाचारों के साथ डिजिटल रूपांतरण की दिशा में आगे आने, सहभागिता करने व योगदान करने के लिए आमंत्रित करना है। इसके अलावा यह वेबिनार स्मार्ट शहरों, स्मार्ट जीवन और वृद्धजन व विशेष रूप से दिव्यांगजनों सहित सभी के लिए स्वस्थ व टिकाऊ वातावरण के संबंध में एक डिजिटल प्रौद्योगिकी परिदृश्य के निर्माण में आईओटी/एमटूएम की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। भारत सरकार के डिजिटल संचार आयोग के सदस्य (प्रौद्योगिकी) श्री ए.के. तिवारी और आयोग के अन्य सदस्य (सेवा) श्री निजामुल हक की गरिमामयी उपस्थिति ने इस वेबिनार की शोभा को बढ़ाने का काम किया।

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RailTel Corporation of India Ltd. launched PM-WANI scheme for proliferation of broadband using C-DOT’s indigenously designed technological platform

RailTel Corporation of India, today, launched Prime Minister Wi-Fi Access Network Interface (PM-WANI) scheme to connect 2200 Wi-Fi hotspots in the country using C-DOT’s indigenously designed technological platform. The launch ceremony was attended by Shri Puneet Chawla, CMD, RailTel and Dr. RajKumar Upadhyay, Executive Director, C-DOT PM-WANI ecosystem aims to create a network of Public Wi-Fi access points based on an architecture comprising of various entities with dedicated functions to distribute Internet bandwidth and enhance last mile connectivity. This will ensure access to Internet in rural and remote areas in a secure, convenient and cost-effective manner. This will boost village level entrepreneurship and create new employment opportunities Speaking at the event, Dr. RajKumar Upadhyay, Executive Director, C-DOT underscored the key role of indigenously designed & developed technologies in meeting the specific requirements of diverse geography of India including rural and remote areas. He stressed upon the synergistic engagement between C-DOT and RailTel that will spur innovation leading to design, development & deployment of indigenous technologies in national networks including Indian Railways. PM-WANI hotspots would prove effective in extending cost-effective Internet to passengers at rural and remote railway stations across the country. He congratulated RailTel for the launch of prestigious PM-WANI framework and assured that C-DOT will work relentlessly towards aligning its indigenous Telecom R&D endeavours with the specific requirements of RailTel for meeting the overreaching objectives of national development. Shri Puneet Chawla, CMD, RailTel expressed his immense confidence in the mutually productive alliance between C-DOT and RailTel that will connect the entire country with PM-WANI framework in an expeditious manner. This will boost connectivity in unserved & underserved areas and further strengthen the foundation of “Atmanirbhar Bharat”.

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सी-डॉट और सी-डैक ने दूरसंचार और आईसीटी के विविध क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केन्‍द्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने स्वदेशी तकनीकी डिजाइन और विकास को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार और आईसीटी के विविध क्षेत्रों में एक साथ काम करने के उद्देश्य से 30 अप्रैल, 2022 को बैंगलोर में सेमीकॉनइंडिया 2022 कार्यक्रम में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। सी-डॉट के निदेशक श्री डेनियल जेबराज और सी-डैक के महानिदेशक श्री ई. मगेश ने केन्‍द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और केन्‍द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने दोनों संगठनों के वरिष्‍ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में भाग लिया।

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रेलवे और सी-डॉट सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं के लिए भारतीय रेलवे में दूरसंचार के आधुनिकीकरण के लिए मिलकर काम करेंगे

रेल मंत्रालय ने रेलवे में सी-डॉट के दूरसंचार समाधान और सेवाएं देने और उनके कार्यान्वयन में दूरसंचार सुविधाओं के प्रावधान के संबंध में तालमेल और संसाधनों को साझा कर एक मजबूत सहयोगी के रूप में कार्य करने की साझेदारी के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के साथ बुधवार, 27 अप्रैल, 2022 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन के साथ, सी-डॉट और रेल मंत्रालय विश्व मानकों, मेक इन इंडिया (एमआईआई) नीति के अनुरूप भारतीय रेलवे में 5जी उपयोग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) / मशीन टू मशीन (एम2एम) एप्लीकेशन, यूनिफाइड नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम, ओएफसी मॉनिटरिंग / नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस), वीडियो कॉन्फ्रेंस सॉफ्टवेयर (वीसी डॉट), चैटिंग एप्लिकेशन, राउटर, स्विचेस के होने पर एलटीई-आर का उपयोग कर सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं के लिए भारतीय रेलवे में दूरसंचार के आधुनिकीकरण के लिए मिलकर काम करेंगे। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में दोनों संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री राजकुमार उपाध्याय, और अतिरिक्त सदस्य/दूरसंचार/रेलवे बोर्ड श्रीमती अरुणा सिंह उपस्थित थीं। सी-डॉट और रेल मंत्रालय के बीच तालमेल स्वामित्व की कुल लागत को कम करके, भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने और देश में डिजिटल डिवाइड को पाटने में मदद करके ट्रेनों के संचालन, सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा एप्‍लीकेशनों के लिए स्वदेशी किफायती दूरसंचार उपकरण और सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगा।

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टेलीकॉम लीडरशिप फोरम के 21वें संस्करण में सी-डॉट को वॉइस एंड डाटा एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया

भारत सरकार के संचार मंत्रालय में दूरसंचार विभाग के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) को "सम्मिलन के युग (एरा ऑफ कन्वर्जेंस)" पर आयोजित सम्मेलन टेलीकॉम लीडरशिप फोरम के 21वें संस्करण में सम्मानित किया गया है। वॉयस एंड डेटा द्वारा वर्चुअल तरीके से इसका आयोजन आईओटी अनुप्रयोगों के लिए वनएम2एम (वन मशीन टू मशीन) मानक पर आधारित स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित मानकीकृत "सी-डॉट कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म (सीसीएसपी)" के लिए 22 मार्च, 2022 को किया गया। इस वर्चुअल सम्मेलन में सरकार और संचार उद्योग की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया और उन्होंने भारत के दूरसंचार परितंत्र के बदलाव पर अपना विज़न, विचार और अंतर्दृष्टि साझा की। आज के आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) समाधान वर्टिकल सेंट्रिक हैं और इस प्रकार, मजबूती से जोड़े में बंधे हैं और आपस में संचालन योग्य (इंटरऑपरेबल) नहीं हैं। इन आईओटी परितंत्र का वास्तविक मूल्य विभिन्न अलग-अलग अनुप्रयोगों के बीच अंतर-संचालन क्षमता (इंटरऑपरेबिलिटी) और डेटा साझा करने से आता है। हमारे शहरों, गांवों और उद्योगों को स्मार्ट बनाने के लिए अरबों उपकरण (सेंसर, एक्चुएटर, गेटवे आदि) लगाए जा रहे हैं। आईओटी/एम2एम अनुप्रयोगों के कैपेक्स और ओपेक्स दोनों को कम करने के लिए मानकीकृत प्लेटफार्मों की अंतर-संचालन क्षमता आवश्यक है। सी-डॉट का कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म- सीसीएसपी एक वनएम2एम आधारित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है जो आईओटी/एम2एम में समाधान विकसित करने और तैनात करने के लिए एक मानक आधारित दृष्टिकोण प्रदान करता है। सीसीएसपी विभिन्न डोमेन के आईओटी अनुप्रयोगों के लिए हॉरिजोंटल कॉमन सर्विस लेयर प्रदान करता है। सीसीएसपी एक ही हॉरिजोंटल प्लेटफॉर्म पर कई उद्योग-विशिष्ट उपयोग मामलों में काम आ सकता है। सीसीएसपी अनुप्रयोगों और डेटा प्रोसेसिंग एवं संचार हार्डवेयर के बीच लगता है।और यह मानक आधारित इंटरफेस का उपयोग करके अलग-अलग अनुप्रयोगों के बीच सुरक्षित तरीके से डेटा को साझा करना संभव बनाता है।

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सी-डॉट 12वें वार्षिक एजिस ग्राहम बेल अवार्ड्स में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए अभिनव दूरसंचार समाधानों के लिए 3 पुरस्कारों से सम्मानित

भारत सरकार के प्रतिष्ठित दूरसंचार अनुसंधान व विकास केंद्र- सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स यानी (सी-डॉट) ने 25 फरवरी 2022 को एक वर्चुअल समारोह में 12वें वार्षिक एजिस ग्राहम बेल पुरस्कारों में अपने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए अभिनव दूरसंचार समाधानों के लिए विभिन्न श्रेणियों में तीन पुरस्कार प्राप्त किए हैं। सी-डॉट को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में शीर्ष विजेता घोषित किया गया है: 1. "सामाजिक कल्याण के लिए तकनीक" की श्रेणी में आईटीयू के कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) पर आधारित आपदा प्रबंधन और तैयारी के लिए स्वदेशी अर्ली वार्निंग प्लेटफॉर्म 2. सी-डॉट संवाद - सुरक्षित संदेश और कॉलिंग समाधान के लिए एक एकीकृत मंच 3. सी-डॉट क्वारंटाइन अलर्ट सिस्टम (सीक्यूएएस) को "कोविड 19 से लड़ाई करने के लिए निवारक उपायों" की श्रेणी में पहला पुरस्कार

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सी-डॉट ने "भारतीय दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास की क्षमता का एक साथ लाभ लेना - आगे का रास्ता" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया

भारत सरकार के संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, टेलीमैटिक्स के विकास केंद्र (सी-डॉट) ने आज "भारतीय दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास की क्षमता का एक साथ लाभ के लिए आगे का रास्ता" विषय पर केंद्रित एक कार्यशाला का आयोजन किया। सी-डॉट के दिल्ली परिसर में उत्पादन से सम्बद्ध योजना (पीएलआई) और डिजिटल संचार नवाचार स्क्वायर (डीसीआईएस) योजनाओं के पुरस्कार विजेताओं के साथ इस कार्य शाला का आयोजन किया गया। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग में सचिव, और अध्यक्ष, डिजिटल संचार आयोग, श्री के राजारमन ने भारत सरकार के दूरसंचार विभाग में विशेष सचिव सुश्री अनीता प्रवीण की उपस्थिति में तकनीकी कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला का उद्देश्य उद्योग, अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा जगत, स्टार्टअप और एमएसएमई सहित विभिन्न हितधारकों को एक साझा मंच पर लाना था ताकि स्वदेशी विनिर्माण ईकोसिस्टम की ताकत और कमजोरियों पर विचार-विमर्श किया जा सके और प्रभावी तकनीकों को तेजी से तैयार किया जा सके। कार्यशाला का ध्यान मुख्य रूप से भारतीय विनिर्माण और स्टार्टअप ईकोसिस्टम द्वारा दूरसंचार के विविध क्षेत्रों में सी-डॉट की अनुसंधान एवं विकास की विशेषज्ञता का लाभ उठाने पर केंद्रित था। इस आयोजन के माध्यम से न केवल घरेलू मांग को पूरा करने के बारे में, बल्कि अन्य देशों को निर्यात करने के लिए बाजार की मांग पूरी करने के समाधानों के स्वदेशी विकास में तेजी लाने के बारे में भी विचार विमर्श किया गया।

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सी-डॉट और रेलटेल ने दूरसंचार क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए

“आजादी का अमृत महोत्सव” के तहत, दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख आरएंडडी केंद्र सी-डॉट और रेलटेल कॉरपोरेशन लि., रेल मंत्रालय, भारत सरकार ने देश भर में संचार नेटवर्क के आधुनिकीकरण और विस्तार पर मुख्य रूप से जोर के साथ विविध क्षेत्रों में मिलकर काम करने के उद्देश्य से 14 अक्टूबर, 2021 को सी-डॉट दिल्ली परिसर में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजकुमार उपाध्याय और रेलटेल के सीएमडी श्री पुनीत चावला के अलावा दोनों संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। एमओयू पर हस्ताक्षर से दोनों संगठनों को अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य विशेषज्ञता का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। सी-डॉट ने स्वदेशी स्तर पर स्विचिंग, ऑप्टिकल, वायरलेस, नेटवर्क मैनेजमेंट और सिक्योरिटी क्षेत्रों से जुड़ी विभिन्न अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकियों व नवीन समाधानों को तैयार किया है, जो रणनीतिक महत्व सहित राष्ट्रीय नेटवर्कों में सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं।

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Telecom secretary asks C-DoT to work on 6G, launches Quantum Communication Lab

Telecom secretary Shri K Rajaraman has asked state-owned telecom research and development organisation C-DoT to start working on 6G and other futuristic technologies in order to catch up with the global market in time, a statement said on Sunday. "The telecom secretary has stressed upon C-DoT to keep track of emerging technologies, aligned with the technology life cycle. He has asked C-DOT to start working on 6G and other futuristic technologies in order to catch up with the market in time," Centre for Development of Telematics (C-DoT ) said in the statement. According to Department of Telecom (DoT), 5G technology is expected to deliver ten times better download speed than that of 4G and up to three times greater spectrum efficiency.

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दूरसंचार सचिव श्री के. राजारमन ने सी-डॉट परिसर का दौरा किया; भविष्योन्मुख व अत्याधुनिक क्वांटम संचार प्रयोगशाला का उद्घाटन किया

रसंचार विभाग, भारत सरकार में डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष और दूरसंचार सचिव श्री के. राजारमन ने कल सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के दिल्ली परिसर का दौरा किया। सी-डॉट दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार का प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। उन्होंने सी-डॉट के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की और सी-डॉट द्वारा विकसित की जा रही अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने उन्हें सी-डॉट द्वारा किए गए दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी। इसके बाद उन्होंने 4जी/5जी, जीपीओएन, एनक्रिप्टर्स, राउटर्स, वाईफाई, साइबर सुरक्षा आदि की प्रयोगशालाओं सहित सी-डॉट की विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा किया। उन्होंने विभिन्न अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में काम कर रहे शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित किया और बाद में सी-डॉट अधिकारियों को संबोधित किया। सी-डॉट के बेंगलुरु परिसर के अधिकारी सी-डॉट द्वारा इन-हाउस विकसित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग टूल के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री राजारमन ने सी-डॉट इंजीनियरों को दूरसंचार के क्षेत्र में "आत्मनिर्भर भारत" के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में पूर्ण समर्पण के साथ काम करने को कहा। उन्होंने दूरसंचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सी-डॉट के योगदान की भी सराहना की और सी-डॉट के सभी प्रयासों में दूरसंचार विभाग के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने स्वदेशी 4जी प्रौद्योगिकी और जारी 5जी विकास परियोजना के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सी-डॉट की सराहना की। (सी-डॉट) की 4जी तकनीक का पहले से ही चंडीगढ़ और अंबाला में बीएसएनएल नेटवर्क में प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) परीक्षण चल रहा है)। उन्होंने सी-डॉट को उभरती प्रौद्योगिकियों पर नजर रखने, प्रौद्योगिकी जीवन चक्र के साथ चलने पर जोर दिया और सी-डॉट को आने वाले समय के बाजार को पकड़ने के लिए 6जी और भविष्य की अन्य प्रौद्योगिकियों पर काम शुरू करने के लिए कहा।

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सी-डॉट ने अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया

दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार का प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने कल अपना 38वां स्थापना दिवस समारोह मनाया। इस बार भी सी-डॉट ने अपने स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में दूरसंचार और आईसीटी के नए उभरते आयामों से संबंधित समकालीन विषयों पर तकनीकी कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन जारी रखा। हालांकि, कोविड महामारी होने के चलते इस साल सी-डॉट ने जीबी मीमांसी व्याख्यान श्रृंखला 2021 के हिस्से के रूप में वर्चुअल तरीके से अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में दुनिया भर के कई क्षेत्रों के विशेषज्ञों, दूरसंचार दिग्गजों और शिक्षाविदों ने भविष्य की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों पर अपने व्यावहारिक अनुभव और गहन ज्ञान को साझा किया। तकनीकी सम्मेलन का उद्घाटन श्री अंशु प्रकाश, अध्यक्ष, डिजिटल संचार आयोग और सचिव (दूरसंचार), भारत सरकार द्वारा किया गया।

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प्रभावशाली आपदा प्रबंधन के लिए अखिल भारतीय एकीकृत चेतावनी प्रणाली को डिजाइन/विकसित करने के लिए कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) प्रयोगशाला शुरू की

यह कार्यक्रम डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष द्वारा सी-डॉट के कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) लैब का शुभारंभ का भी गवाह बना। इस लैब में प्रभावशाली आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक चेतावनी और आपातकालीन स्थितियों में खतरे की सूचना के लिए एनडीएमए द्वारा अखिल भारतीय एकीकृत चेतावनी प्रणाली का विकास और कार्यान्वयन किया जाएगा।

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सी-डॉट अपनी स्वदेशी तकनीकी नवाचारों के जरिये "आत्मानिर्भर भारत" के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

कार्यक्रम में बोलते हुए श्री प्रकाश ने इंजीनियरों को बीएसएनएल नेटवर्क में सी-डॉट 4जी एलटीई कोर के प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) की दिशा में सफलतापूर्वक लगातार काम करने का आह्वान किया। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि राष्ट्र की चुनौतीपूर्ण संचार जरूरतों को पूरा करने और "आत्मनिर्भर भारत" के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने के दिशा में सी-डॉट द्वारा 5जी एनएसए और एसए के स्वदेशी विकास के लिए यह एक बहुत ही उपयुक्त समय है। श्री दीपक चतुर्वेदी, सदस्य (सेवाएं), डिजिटल संचार आयोग, भारत सरकार ने रियल टाइम जटिल समस्याओं को हल करने, राष्ट्रीय नेटवर्क को मजबूत करने और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

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Shri Devusinh Chauhan Ji, Hon'ble Minister of State for Communications, Government of India visited C-DOT Bengaluru campus and interacted with researchers and engineers

C-DOT expresses its sincere thanks and heartfelt gratitude to Shri Devusinh Chauhan Ji, Hon'ble Minister of State for Communications, Government of India for visiting C-DOT Bengaluru campus. It was very inspiring for C-DOT engineers to demonstrate their diverse indigenous Telecom products to the Hon’ble Minister. Hon'ble Union Minister lauded the R&D endeavours of C-DOT and encouraged the young engineers to continue their zeal & passion to innovate for realising the vision of Atmanirbhar Bharat.

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Shri Devusinh Chauhan Ji, Hon'ble Minister of State for Communications, Government of India visited C-DOT Delhi campus and interacted with researchers and engineers

C-DOT expresses its sincere thanks and heartfelt gratitude to Shri Devusinh Chauhan Ji, Hon'ble Minister of State for Communications, Government of India for visiting C-DOT Delhi campus. It was very inspiring for C-DOT engineers to demonstrate their diverse indigenous Telecom products to the Hon’ble Minister. Hon'ble Union Minister lauded the R&D endeavours of C-DOT and encouraged the young engineers to continue their zeal & passion to innovate for realising the vision of Atmanirbhar Bharat.

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सी-डॉट का 36वाँ स्थापना दिवस

दूरसंचार विभाग की स्वायत्त संस्था सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की स्थापना के 35 वर्ष पूरे होने पर दो दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर संचार, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय शामराव धोत्रे ने कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत की। इस दौरान उन्होने संचार एवं सूचना तकनीक से जुड़े उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और सी-डोट में तैयार किये गये कुछ उत्पादों का अनावरण भी किया। इन उपकरणों की सहायता से देश के किसी भी हिस्से में खास तौर पर ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में संचार सुविधाओं की पहुंच बढ़ेगी। सी-डोट और एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए। जिसका उद्देश्य भारत और यूरोपीयन यूनियन के बीच संचार क्षेत्र में सामुहिक शोध को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर संचार, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा कि डीजिटल इंडिया के संकल्प को पूरा करने में सी-डोट अग्रणी भूमिका निभा सकता है। सी-डोट अपने उत्पादों के जरिए ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने में सेतु का कार्य कर रहा है।

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माननीय संचार राज्य मंत्री श्री संजय शामराव धोत्रे ने सी-डॉट के नवीनतम नवाचारों "सी-डॉट - एक्‍सजीएस-पॉन", "सी-सेट-फाई" और "सीआईएसटीबी" को लॉन्च किया

आज सी-डॉट के 36वें स्थापना दिवस समारोह में माननीय मंत्री जी ने सी-डॉट के नवीनतम नवाचारों, "सी-सेट-फाई (सी-डॉट का सेटेलाइट वाई-फाई)", "एक्‍सजीएस-पॉन (10जी सिमेट्रिक पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क)" और "सी-डॉट के इंटरऑपरेबल सेट-टॉप बॉक्‍स (सीआईएसटीबी) को लॉन्च किया। माननीय मंत्री श्री संजय शामराव धोत्रे जी ने मुख्य वक्तव्य देते हुए कहा कि भारतनेट 01 जीबीपीएस कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है, जिसे 10 जीबीपीएस तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज सी-डॉट के. जारी होने वाले एक्सजीएसपीओएन से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत सहायता होगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर यह बापू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिनका सपना था कि भारत के गांव आत्मनिर्भर बनें। श्री धोत्रे ने कहा कि सी-डॉट की सी-सैट-फाई प्रौद्योगिकी से भारत के लोग, खासतौर से गांव और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके जरिये उन्हें टेलीफोन और वाई-फाई सुविधाएं मिलेंगी। इस प्रौद्योगिकी से देश के सभी भागों में यह सुविधा सभी मोबाइल फोनों पर उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी से सुदूर स्थानों पर रहने वाले लोग उपग्रह के जरिये संपर्कता प्राप्त करके मुख्यधारा में आ जायेंगे।इन स्थानों पर फाइबर लाइन बिछाना कठिन होता है और वहां इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। श्री धोत्रे ने सी-डॉट – एक्सजीएसपीओएन, सी-सैट-फाई और सीआईएसटीबी जैसे नए उत्पाद भी जारी किये। इस अवसर पर सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री विपिन त्यागी ने कहा कि सी-सैट-फाई वायरलैस और उपग्रह संचार पर आधारित है, ताकि दुर्गम स्थानों और दूरदराज के इलाकों तक कनेक्टिविटी पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि इस सस्ती सुविधा में महंगे सेटेलाइट फोनों की जरूरत नहीं है और यह सुविधा वाई-फाई वाले फोन पर काम करेगी।

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भारत दूरसंचार सुरक्षा, डेटा संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा: एमओएस श्री संजय शामराव धोत्रे

भारत ने अपने दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा और डेटा संप्रभुता को उच्च प्राथमिकता देगा, माननीय संचार राज्य मंत्री श्री संजय शामराव धोत्रे ने सोमवार को कहा। "मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हम अपनी सुरक्षा (दूरसंचार नेटवर्क में) के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। सुरक्षा और डेटा संप्रभुता का अत्यधिक महत्व है", सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर श्री संजय शामराव धोत्रे जी ने कहा। इससे पहले, इस कार्यक्रम में बोलते हुए, श्री संजय शामराव धोत्रे जी ने कहा कि भारत सबसे बड़े डेटा खपत वाले देशों में से एक है और सी-डॉट - सरकार के दूरसंचार अनुसंधान और विकास शाखा - को प्रौद्योगिकी और उत्पादों के स्वदेशीकरण की गति को जारी रखने के लिए कहा।

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कम्बोडिया और भारत के बीच सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत सरकार के संचार मंत्रालय के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जबकि एक समझौता ज्ञापन और एक गैर-प्रकटीकरण समझौते को भारत के एक प्रमुख शोध संस्थान सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के साथ जोड़ा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकी और वायरलेस समाधानों की तैनाती को संबोधित करते हुए, सी-डॉट और टेलीकॉम कंबोडिया के बीच एक अलग समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

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एईजीआईएस ग्राहम बेल अवार्ड्स के 9 वें संस्करण के लिए विजेता

9वें एईजीआईएस ग्राहम बेल पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा गोवा एंटरटेनमेंट सोसाइटी, पणजी में गोवा में कर दी गयी है। समारोह का आयोजन गोवा सरकार की मेजबानी में किया गया। एईजीआईएस ग्राहम बेल पुरस्कार टेलीफ़ोनी के जनक सर अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को श्रद्धांजलि के रूप में एईजीआईएस स्कूल ऑफ़ बिज़नेस, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और टेलीकॉम की एक पहल है। ये पुरस्कार नॉलेज पार्टनर के रूप में सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) और टेलीकॉम सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (TCOE), कन्वर्जेंस इंडिया और केपीएमजी (KPMG) के सौजन्य से दिए जाते हैं।

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ओडिसा में समेकित सी-डॉट सीएपी पूर्व चेतावनी प्लैटफार्म का सफल परीक्षण

ओडिसा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों को एक साथ अपनी पूर्व चेतावनी प्रसार प्रणाली परियोजना के अन्तर्गत आपदा अलर्ट एसएमएस भेजने का परीक्षण किया है। ऐसे एसएमएस भेजने के लिये बीएसएनएल, एअरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जिओ समेत प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की सेवायें ली गयी थीं। दूरसंचार विभाग और सेंटर फॉर डिवल्प्मन्ट ऑफ टेलिमेट्क्स- सी-डॉट ने एक कॉमन अलर्ट प्रोटोकल(सीएपी) सलूशन विकसित किया है जिसके माध्यम से एक चयनित भौगोलिक क्षेत्र में सभी मोबाइल धारकों के पास और रोमिंग वाले मोबाइल पर एक साथ जनता को आपदा प्रबंधन संदेश-एसएमएस भेजे जा सकते हैं। सीएपी का प्रायोगिक परीक्षण इससे पहले विभिन्न राज्यों में किया गया था । ओडिसा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण –ओएसडीएमए के अनुसार पूर्व चेतावनी प्रसार प्रणाली 6 जिलों में काम कर रही है।

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टेक्नालजी (प्रोद्योगिकी) का व्यापार वर्ष 2026 तक 2 लाख करोड़ रु से अधिक हो जायेगा

सी-डॉट के निदेशक, श्री एम सुंदर कुमार ने बताया कि 5 जी टेक्नालजी का प्रसार विश्वभर में होने वाला है और 5 जी टेक्नालजी का व्यापार वर्ष 2026 तक 2 लाख करोड़ रु से अधिक हो जायेगा। विज्ञान विश्वविद्यालय में 5 जी संचार, अनुप्रयोग और प्रौद्योगिकियों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन – आईसी5जीसीएटी 18 को संबोधित करते हुये श्री सुंदर कुमार ने कहा कि 5 जी टेक्नालजी पर किये जा रहे सघन अनुसंधान के परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 5 जी भविष्य की टेक्नालजी होगी । इस सम्मेलन में 40 देशों से 100 से अधिक विशेषज्ञों तथा प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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भारतनेट के लिए केवल 'मेड इन इंडिया' यानी स्वदेशी उपकरण: सरकार

सरकार ने रविवार को कहा कि भारत में दूरसंचार क्रांति के बाद, भारतनेट परियोजना भारतीय ग्रामीण परिस्थितियों के अनुरूप मजबूत स्वदेशी उपकरणों का सबसे बड़ा उपभोक्ता होगी। श्रीमती अरुणा सुंदरराजन, सचिव, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने पत्रकारों को बताया कि पूरी तरह से भारत में बने फाइबर और गिगाबिट-कैपेबल पेसिव ऑप्टिकल नेटवर्क (जीपॉन) उपकरण, दोनों सी-डॉट (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमैटिक्स) के पास हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि उपकरण पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे अनुकूलित किया गया है ताकि यह ग्रामीण वातावरण में काम कर सके, जहां बिजली की समस्या है और धूल भी एक बड़ा मसला है।

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सी-डॉट का बैम्बू वाई-फाई प्रौद्योगिकी और प्रकृति के संयोजन का एक नवाचार है

सी-डॉट ने बांस के तने के अंदर घर के लिए छोटे फॉर्म फैक्टर में IEEE 802.11 b / g / n का समर्थन करने वाले मुख्य वाई-फाई सिस्टम को डिजाइन और विकसित किया है और हॉटस्पॉट उद्देश्य के लिए उपयुक्त बड़ी कवरेज रेंज के लिए बाहरी एंटीना कनेक्शन का प्रावधान किया है। बांस सदाबहार बारहमासी फूलों के पौधे हैं और दक्षिण एशिया विशेष रूप से भारत में बहुतायत में उपलब्ध हैं। बांस में, अन्य घासों की तरह, तने के आंतरिक क्षेत्र आमतौर पर खोखले होते हैं।

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परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में

सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री विपिन त्यागी ने टेली डॉट नेट पत्रिका में प्रकाशित अपने नवीनतम साक्षात्कार में भारत में दूरसंचार की वर्तमान स्थिति और सी-डॉट जैसे अनुसन्धान और विकास संगठन के लिए युगांतरकारी घटनाओं या "टेक्टोनिक शिफ्ट" के बारे में बातचीत की है। उन्होंने बताया है कि वह शोध और बौद्धिक संपदा निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए किस प्रकार भारत को दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास में सभी बदलावों की अग्रिम पंक्ति पर देखने को उत्सुक हैं, क्योंकि अंततः इसी के माध्यम से भारत को विश्व स्तरीय दूरसंचार उत्पाद तैयार करने में मदद मिल सकती है। अंत में, उन्होंने "खादी इलेक्ट्रॉनिक्स" की एक दिलचस्प अवधारणा की चर्चा की है जो भारतीय उत्पादों के बारे में लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने से शुरू हुआ और भारतीय अनुसन्धान और विकास ही नहीं, विनिर्माण क्षेत्र के लिए भी बाज़ी पलट दी।

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सी-डॉट के सीएपी-ईडब्ल्यूपी के माध्यम से असुरक्षित क्षेत्रों के लोगों को आपदा की पूर्व चेतावनी देने के लिए स्थान-आधारित एसएमएस अलर्ट

सी-डॉट विश्‍वस्‍तरीय अत्‍याधुनिक स्वदेशी सीएपी के अनुरूप एक पूर्व चेतावनी प्लेटफॉर्म का विकास कर रहा है, जो बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के मीडिया एसएमएस, टीवी, रेडियो, इंटरनेट, साइरन इत्यादि पर स्थान विशेष से संबंधित चेतावनी संदेश भेजने के लिए सभी मौसम पूर्वानुमान एजेंसियों और विभिन्न मंत्रालयों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ एकीकृत करेगा। एनडीएमए और डीओटी संयुक्त रूप से इस राष्ट्रीय स्तर की परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्‍होंने सी-डॉट को तकनीकी सहयोगी के रूप में चुना है। 12 राज्यों का फील्‍ड परीक्षण पूरा हो चुका है। केरल सरकार स्थान विशेष से जुड़ी चेतावनी जारी करने के लिए पहले ही इस प्रणाली का कड़ाई से उपयोग कर रही है।

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राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एकीकृत सी-डॉट कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल पर आधारित पूर्व चेतावनी प्लेटफॉर्म (सीएपी-ईडब्लूपी) का उपयोग केरल बाढ़ के दौरान लोगों की जान बचाने में किया गया।

दूरसंचार क्रांति के बाद, अब सी-डॉट, दूरसंचार विभाग( डीओटी) के मार्गदर्शन में आईएमडी, एनडीएमए और एसडीएमए के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत सीएपी-ईडब्ल्यूपी विकसित करके देश को आपदा से निपटने के लिए तैयार कर रहा है। केरल सरकार एसएमएस के माध्यम से वर्नाक्युलर भाषाओं में लोगों को चेतावनी/ परामर्श जारी करने के लिए बीटा संस्करण का उपयोग कर रही है। लगभग 40 लाख लक्षित मोबाइल ग्राहकों को वे एसएमएस प्राप्त हुए थे। इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान चेतावनी/ परामर्श के एसएमएस जारी करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा भी किया गया।

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भारत ने 5जी को जल्‍द से जल्‍द ग्रहण करने के लिए ब्रिटेन के 3 संस्‍थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए

लंदन, 20 जून 2018. भारत ने 5 जी प्रौद्योगिकी का प्रभावी अन्वेषण करने और उसे जल्‍द से जल्‍द ग्रहण करना सुगम बनाने के लिए ब्रिटेन के तीन शीर्ष अकादमिक संस्थानों के साथ आज तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौता ज्ञापनों पर किंग्स कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ सर्रे, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के प्रतिनिधियों तथा भारत में दूरसंचार क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में जुटे सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक विपिन त्यागी ने हस्ताक्षर किए। इन समझौतों पर भारत के संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और ब्रिटेन में भारत के उच्‍चायुक्‍त वाई के सिन्हा की उपस्थिति में इंडिया हाउस में हस्ताक्षर किए गए।

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ट्राई ने सी-डॉट द्वारा विकसित मोबाइल नेटवर्क कवरेज पर पोर्टल लॉन्‍च किया

ट्राई ने मोबाइल नेटवर्क कवरेज पोर्टल को लागू करने के लिए सी-डॉट के साथ सहयोग किया है, जो ग्राहकों को अपने सेवा प्रदाता का चुनाव करते समय ज्‍यादा सूझ-बूझ से फैसले लेने में समर्थ बनाएगा। यह पोर्टल विभिन्‍न दूरसंचार कम्‍पनियों द्वारा उपलब्‍ध कराए गए कवरेज डेटा का उपयोग करते हुए विकसित किया गया है, जिसे नियमित तौर पर अद्यतन किया जाता रहेगा।

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दूरसंचार विभाग ने मोबाइल ट्रैकिंग प्रोजेक्‍ट सी-डॉट को सौंपा

दूरसंचार विभाग ने जाली सेलफोन्‍स का पता लगाने और चोरी को हतोत्‍साहित करने के लक्ष्‍य से मोबाइल ट्रैकिंग प्रोजेक्‍ट सेंटर फॉर डेवलेपमेंट ऑफ टेलिमेटिक्‍स (सी-डॉट) को निर्दिष्‍ट किया है। सी-डॉट को सेंट्रल इक्विप्‍मेंट आइडेंटिटी रजिस्‍टर (सीईआईआर) नामक इस प्रोजेक्‍ट को विकसित और कार्यान्वित करना होगा। सीईआईआर सिस्‍टम चोरी या गुम हो जाने वाले किसी भी नेटवर्क के मोबाइल फोन्‍स सभी तरह की सेवाएं रोक देगी, भले ही उसका सिम ही क्‍यों न हटा दिया गया हो या फिर हैंडसेट का आईएमईआई नम्‍बर ही क्‍यों न बदल दिया गया हो।

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सी-डॉट ने अपना 34 वां स्‍थापना दिवस मनाया

संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने दक्षेस देशों और दुनिया के अन्य विकासशील क्षेत्रों को दूरसंचार उत्पादों का निर्यात करने के लिए सेंटर फॉर डेवलेपमेंट ऑफ टेलिमेटिक्‍स (सी-डॉट) से उचित लागत पर नवाचार करने और दूरसंचार उत्‍पादों को विकसित करने का आह्वान किया है। सी-डॉट के 34 वें स्‍थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपने संदेश में उन्होंने कहा कि भारत सरकार का प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र ऐसे उत्पादों का विकास कर सकता है, जिनके कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा संबंधी क्षेत्रों में दूरगामी प्रभाव हों। सी-डॉट के नवीनतम नवाचार, ‘’विद्वान्’’ के शुभारंभ का उल्‍लेख करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि, यह कार्यालयों और घरों जैसे स्थानों में नो-सिग्नल और कम सिग्नल नेटवर्क वाली जगहों में बार-बार होने वाले कॉल ड्रॉप जैसी समस्‍याओं को हल करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। । उन्होंने सी-डॉट को अपने स्‍थापना दिवस के अवसर पर नियमित रूप से व्याख्यान श्रृंखला आयोजित करने के लिए बधाई भी दी, जिसमें आईटी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र से जुड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाएं अपने क्षेत्र की भावी चुनौतियों के बारे में गहन विचार-विमर्श करने के प्रति आकृष्‍ट होती हैं।

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अब आप किराना स्‍टोर से मात्र 10 रुपये में वाई-फाई डेटा खरीद सकते हैं।

सेंटर फॉर डेवलेपमेंट ऑफ टेलिमेटिक्‍स (सी-डॉट) ने देश भर में एंड टू एंड कनेक्टिविटी समाधानों संबंधी आवश्‍यकताओं को पूरा करने में सहायता करने के लिए कम लागत वाला पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) विकसित किया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सी-डॉट को वाई-फाई डेटा हॉटस्‍पॉट्स में सुधार लाने तथा देश भर के छोटे-छोटे हिस्‍सों में सम्‍पर्क को बेहतर बनाने के लिए पीडीओ सिस्‍टम तैयार करने के लिए अधिदेशित किया है। सृजित किए गए नए समाधान का मूल्‍य 50,000 रुपये से कम है और इसलिए देश के छोटे खुदरा दुकानदारों में इस खरीदने का सामर्थ्‍य है।

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सी-डॉट ने स्‍मार्ट सिटीज को ज्‍यादा कुशल, लाभप्रद और भविष्‍य के अनुरूप बनाने के लिए सीसीएसपी का विकास किया

सी-डॉट ने वन एम2एम मानकों का अनुपालन करने वाले कॉमन सर्विस प्‍लेटफॉर्म-सीसीएसपी (सी-डॉट कॉमन सर्विस प्‍लेटफॉर्म) का विकास किया है, जिसे पहले से मौजूद किसी भी जेनरिक सर्वर प्‍लेटफॉर्म्‍स पर या क्‍लाउड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर पर लगाया जा सकता है। बिजनेस एप्‍लीकेशन प्रदाता अपने वन एम2एम का अनुपालन करने वाले अनुप्रयोगों को या तो सह-स्‍थापित अवसंरचना में या किसी भी सार्वजनिक या निजी क्‍लाउड पर लगा सकते हैं।

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मंत्री ने सी-डॉट के स्‍थापना दिवस के अवसर पर उसके द्वारा विकसित 3 नए उत्‍पादों का शुभारंभ किया

संचार मंत्री श्री मनोज सिन्‍हा ने जीपॉन टेक्‍नोलॉजी के लिए सी-डॉट को बधाई दी और आशा व्‍यक्‍त की कि नेटवर्क इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर स्‍थापित करने के लिए एक लाख ग्राम पंचायतें (जीपी) मार्च 2017 तक, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के माध्‍यम से जुड़ जाएंगी, ताकि ग्रामीण जनता को सेवाएं प्रदान की जा सकें। इस अवसर पर मंत्री ने सी-डॉट द्वारा विकसित तीन नए उत्‍पाद – डब्‍ल्‍यूडीएम पॉन (डब्‍ल्‍यूडीएएन) और संवाद एप्‍प का भी शुभारंभ किया।

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सी-डॉट ने बुडापेस्‍ट में आयोजित आईटीयू वर्ल्‍ड टेलिकॉम इवेंट में अपने उत्‍पाद ज्ञानसेतु के लिए बटोरी वाहवाही

भारत सरकार के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के अंतर्गत प्रमुख दूरसंचार प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं विकास केंद्र - सेंटर फॉर डेवलेपमेंट ऑफ टेलिमेटिक्‍स (सी-डॉट) को एक बार फिर से अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अनूठी पहचान मिली। कनेक्‍ट‍िविटी की कमियां दूर करने तथा देश के विशाल ग्रामीण भागों में सार्थक संचार करने की दिशा में उसके उत्‍पाद ज्ञानसेतु को उत्‍कृष्‍ट उत्‍पाद घोषित किया गया है। समूची सी-डॉट टीम के लिए यह बहुत गर्व का विषय है कि ग्रामीण भारत के लिए अभिनव उत्‍पाद- ज्ञानसेतु को आईटीयू वर्ल्ड टेलिकॉम 2015 कार्यक्रम में रेकिग्निशन ऑफ एक्सिलेंस अवार्ड प्राप्‍त हुआ है। माननीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले साल नई दिल्‍ली, भारत में ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर इस उत्‍पाद का शुभारंभ किया था।

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सी-डॉट ब्रॉडबैंड उत्पाद लॉन्च करेगा

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संस्‍थान सी-डॉट ने भारतीय परिदृश्य की संवेदनशील आवश्‍यकताओं के अनुरूप स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का विकास किया है, जिनका उद्देश्‍य ‘’डिजिटल इंडिया’’ के गढ़ का निर्माण करने की व्‍यापक संभावनाओं के साथ ग्रामीण और शहरी भारत का डिजिटल समागम करना है। माननीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने 6 जुलाई को निम्‍नलिखित 4 उत्‍पादों का शुभारंभ किया।डिजिटल भारत सप्‍ताह 1-7 जुलाई 2015 के दौरान मनाया गया। 1. लांग डिस्‍टेंस वाई-फाई सिस्‍टम 2. सोलर पॉवरर्ड वाई-फाई सिस्टम 3. 100 जीबीपीएस ओएफसी लिंक 4. एमटीएनएल नेटवर्क में सी-डॉट नेक्‍स्‍ट जेनरेशन नेटवर्क