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 समाचार

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माननीय संचार राज्य मंत्री श्री संजय शामराव धोत्रे ने सी-डॉट के नवीनतम नवाचारों "सी-डॉट - एक्‍सजीएस-पॉन", "सी-सेट-फाई" और "सीआईएसटीबी" को लॉन्च किया

आज सी-डॉट के 36वें स्थापना दिवस समारोह में माननीय मंत्री जी ने सी-डॉट के नवीनतम नवाचारों, "सी-सेट-फाई (सी-डॉट का सेटेलाइट वाई-फाई)", "एक्‍सजीएस-पॉन (10जी सिमेट्रिक पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क)" और "सी-डॉट के इंटरऑपरेबल सेट-टॉप बॉक्‍स (सीआईएसटीबी) को लॉन्च किया। माननीय मंत्री श्री संजय शामराव धोत्रे जी ने मुख्य वक्तव्य देते हुए कहा कि भारतनेट 01 जीबीपीएस कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है, जिसे 10 जीबीपीएस तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज सी-डॉट के. जारी होने वाले एक्सजीएसपीओएन से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत सहायता होगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर यह बापू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिनका सपना था कि भारत के गांव आत्मनिर्भर बनें। श्री धोत्रे ने कहा कि सी-डॉट की सी-सैट-फाई प्रौद्योगिकी से भारत के लोग, खासतौर से गांव और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके जरिये उन्हें टेलीफोन और वाई-फाई सुविधाएं मिलेंगी। इस प्रौद्योगिकी से देश के सभी भागों में यह सुविधा सभी मोबाइल फोनों पर उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी से सुदूर स्थानों पर रहने वाले लोग उपग्रह के जरिये संपर्कता प्राप्त करके मुख्यधारा में आ जायेंगे।इन स्थानों पर फाइबर लाइन बिछाना कठिन होता है और वहां इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। श्री धोत्रे ने सी-डॉट – एक्सजीएसपीओएन, सी-सैट-फाई और सीआईएसटीबी जैसे नए उत्पाद भी जारी किये। इस अवसर पर सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री विपिन त्यागी ने कहा कि सी-सैट-फाई वायरलैस और उपग्रह संचार पर आधारित है, ताकि दुर्गम स्थानों और दूरदराज के इलाकों तक कनेक्टिविटी पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि इस सस्ती सुविधा में महंगे सेटेलाइट फोनों की जरूरत नहीं है और यह सुविधा वाई-फाई वाले फोन पर काम करेगी।

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भारत दूरसंचार सुरक्षा, डेटा संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा: एमओएस श्री संजय शामराव धोत्रे

भारत ने अपने दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा और डेटा संप्रभुता को उच्च प्राथमिकता देगा, माननीय संचार राज्य मंत्री श्री संजय शामराव धोत्रे ने सोमवार को कहा। "मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हम अपनी सुरक्षा (दूरसंचार नेटवर्क में) के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। सुरक्षा और डेटा संप्रभुता का अत्यधिक महत्व है", सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर श्री संजय शामराव धोत्रे जी ने कहा। इससे पहले, इस कार्यक्रम में बोलते हुए, श्री संजय शामराव धोत्रे जी ने कहा कि भारत सबसे बड़े डेटा खपत वाले देशों में से एक है और सी-डॉट - सरकार के दूरसंचार अनुसंधान और विकास शाखा - को प्रौद्योगिकी और उत्पादों के स्वदेशीकरण की गति को जारी रखने के लिए कहा।

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कम्बोडिया और भारत के बीच सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत सरकार के संचार मंत्रालय के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जबकि एक समझौता ज्ञापन और एक गैर-प्रकटीकरण समझौते को भारत के एक प्रमुख शोध संस्थान सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के साथ जोड़ा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकी और वायरलेस समाधानों की तैनाती को संबोधित करते हुए, सी-डॉट और टेलीकॉम कंबोडिया के बीच एक अलग समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

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एईजीआईएस ग्राहम बेल अवार्ड्स के 9 वें संस्करण के लिए विजेता

9वें एईजीआईएस ग्राहम बेल पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा गोवा एंटरटेनमेंट सोसाइटी, पणजी में गोवा में कर दी गयी है। समारोह का आयोजन गोवा सरकार की मेजबानी में किया गया। एईजीआईएस ग्राहम बेल पुरस्कार टेलीफ़ोनी के जनक सर अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को श्रद्धांजलि के रूप में एईजीआईएस स्कूल ऑफ़ बिज़नेस, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और टेलीकॉम की एक पहल है। ये पुरस्कार नॉलेज पार्टनर के रूप में सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) और टेलीकॉम सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (TCOE), कन्वर्जेंस इंडिया और केपीएमजी (KPMG) के सौजन्य से दिए जाते हैं।

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ओडिसा में समेकित सी-डॉट सीएपी पूर्व चेतावनी प्लैटफार्म का सफल परीक्षण

ओडिसा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों को एक साथ अपनी पूर्व चेतावनी प्रसार प्रणाली परियोजना के अन्तर्गत आपदा अलर्ट एसएमएस भेजने का परीक्षण किया है। ऐसे एसएमएस भेजने के लिये बीएसएनएल, एअरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जिओ समेत प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की सेवायें ली गयी थीं। दूरसंचार विभाग और सेंटर फॉर डिवल्प्मन्ट ऑफ टेलिमेट्क्स- सी-डॉट ने एक कॉमन अलर्ट प्रोटोकल(सीएपी) सलूशन विकसित किया है जिसके माध्यम से एक चयनित भौगोलिक क्षेत्र में सभी मोबाइल धारकों के पास और रोमिंग वाले मोबाइल पर एक साथ जनता को आपदा प्रबंधन संदेश-एसएमएस भेजे जा सकते हैं। सीएपी का प्रायोगिक परीक्षण इससे पहले विभिन्न राज्यों में किया गया था । ओडिसा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण –ओएसडीएमए के अनुसार पूर्व चेतावनी प्रसार प्रणाली 6 जिलों में काम कर रही है।

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