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कार्य संस्कृति
सी-डॉट की स्थापना भारतीय परिवेश में उच्च उत्पादकता, दक्षता और बेहतर जीवनशैली के लिए जनप्रबंधन के मॉडल के रूप में की गई। सी-डॉट में लगभग 1000 इंजीनियर कार्यरत हैं। मानव संसाधन विकास ने इसकी स्थापना से ही एक बेहतर तादात्म्य स्थापित करने के लिए एक उत्प्रेरक का काम किया है ताकि अलग-अलग प्रतिभाओं और सीमा के कर्मचारी सर्वोत्तम परिणाम के लिए एक-दूसरे के पूरक बन सकें। सी-डॉट में मानव संसाधन का उद्देश्य लोगों और व्यावसायिकता के प्रति वचनबद्धता पर आधारित उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अनुकूल माहौल और संस्कृति का निर्माण करना रहा है।
मानव संसाधन प्रबंधन में कर्मचारियों के विकास और सीखने के माहौल के माध्यम से उनकी प्रतिभा में निखार लाने को अत्यंत महत्व दिया जाता है। सी-डॉट के कार्यकलाप और कार्यपद्धति को इस तरह से विकसित किया गया है कि सभी सदस्यों में गौरव तथा संतोष की भावना विकसित हो, सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की इच्छा हो, व्यक्तिगत प्रभाव बढ़ाने, कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा कैरियर विकास के साथ -साथ कर्मचारियों को बेहतर व्यक्ति बनाने के लिए तैयारी करना शामिल है।
सी-डॉट में मानव संसाधान की विभिन्न नीतियां और प्रक्रियाएं विश्वास, देखभाल और सशक्तिकरण के सिद्धांतों पर आधारित है। कर्मचारियों में अत्याधिक विश्वास, प्रचालन, कार्य घंटों में लचीलेपन तथा स्वघोषणा पर विभिन्न व्ययों की प्रतिपूर्ति जैसी सुविधाओं से परिलक्षित होता है।
सी-डॉट का कर्मचारी सशक्तीकरण का सिद्धांत विभिन्न योजनाओं, समीक्षा और निगरानी समितियों में कर्मचारी को शामिल करने खुली तथा पारदर्शी प्रणाली द्वारा परिलक्षित होता है, जहां अधिकांश निर्णय (अर्थात पदोन्नति पुरस्कार) आदि अलग-अलग टीमों द्वारा दिये जाते हैं। वित्तीय तथा प्रशासनिक अधिकारों को प्रचालन स्तर पर प्रत्यायोजित किया गया है।
सी-डॉट का संगठन समतावादी सिद्धांतों पर आधारित है जो व्यावसायिकता, खुलेपन, कर्मचारी के लिए सम्मान, रचनात्मकता, नवीनता, प्रतिस्पर्द्धा और चुनौती को बढ़ावा देता है तथा जनअभिमुखीकरण और आत्मविकास को महत्व देता है। विभिन्न प्रणालियां, नीतियां तथा व्यवसाय योजनाएं, उत्पाद योजनाएं पूरी तरह निर्धारित हैं तथा लैन के जरिये इन तक सबकी पहुँच है।
सी-डॉट संस्कृति के दस मार्गदर्शक
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समान व्यवहार : प्रत्येक के कामकाज का सम्मान करना और पद तथा सामाजिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करना ।
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साहसी नवाचार : नवीनता के लिये अपनी सीमाओं का विस्तार करना, जड़ता को चुनौती देना, बौद्धिक संपदा सर्जन और सर्वश्रेष्ठ कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करना ।
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कार्यनिष्पादन का सम्मान और अपेक्षा करना : निरंतर उन्नयन के लिये दक्षता में लगातार सुधार लाना और उत्तम कार्यनिष्पादन के लिये बेहतर तरीके अपनाना ।
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लक्ष्य-प्राप्ति के लिए जुनून : असाधारण लक्ष्य प्राप्ति तक दायित्व भावना रखते हुए पूरे जोश और जूनून के साथ कथनी और करनी में बिना किसी अंतर के अनुकरणीय व्यवहार ।
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उदारता और सहभागिता : किसी भी प्रश्न के लिये तैयार रहना तथा सकारात्मक मतभेद सहर्ष स्वीकार करना एवं विनम्र, निश्चयपूर्ण और रचनात्मक भूमिका के द्वारा सहभागिता प्रदान करना ।
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ईमानदारी, पारदर्शिता और नैतिकता : विश्वास और वचनबद्धता का माहौल बनाना, संसाधनों का उपयोग जिम्मेदारी और किफायत से करना, सदाचारी व्यवहार के उच्च आदर्शों का प्रत्यक्ष पालन करना ।
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उपभोक्ता उन्मुख और परस्पर हितकारी माहौल बनाना : उपभोक्ता और ग्राहक को सुखद, भरोसेमंद और सुविधाजनक अहसास देने के लिए कर्मचारी और उनकी टीम को अपनी क्षमता से आगे बढ़कर कार्य करने को प्रेरित करना ।
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अफसरशाही व्यवहार से दूरी : नियमों और कानून की पेचीदगी में उलझाने की बजाय बेहतर नतीजों के हित में संगठन के उद्देश्यों और लक्ष्यों के अनुरूप आवश्यक परिवर्तन और सुधार लाना ।
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सीखना और योगदान : समाज के प्रति योगदान और उपयोगी वैज्ञानिक प्रकाशन के माध्यम से अग्रणी विशेषज्ञ के रूप में स्थापित होने के लिये शिक्षित और प्रशिक्षित होने का निरंतर प्रयास करना ।
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सर्वत्र गुणवत्ता : प्रक्रिया में निरंतर सुधार करना, प्रथम प्रयास में सही कार्य करने के लिए आत्म-प्रेरित दृष्टिकोण, कार्यान्वयन की सर्वोत्तम परंपरा और वैश्विक मानदंड विकसित करना और अपनाना ।