hi

 समाचार

News image

श्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली के सी-डॉट कैंपस में उद्यमशीलता प्रकोष्ठ एवं नवोन्मेषण केंद्र का उद्घाटन किया

केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना तथा प्रौद्योगिकी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज भारत सरकार के दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के दिल्ली के कैंपस में उद्यमशीलता प्रकोष्ठ एवं नवोन्मेषण केंद्र (सीओआई) का उद्घाटन किया।  सीओआई की स्थापना आरएंडडी, शिक्षा क्षेत्र, उद्योग एवं स्टार्टअप्स के बीच समन्वयकारी सहयोग द्वारा प्रेरित समग्र प्रौद्योगिकीय संरचना को सुदृढ़ बनाने में स्थानीय स्टार्टअप्स, जो देश में किफायती तथा वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी दूरसंचार समाधानों की डिजाइन, विकास तथा तैनाती में गति लाएगा, की उल्लेखनीय भूमिका को प्रोत्साहित करने के द्वारा आईओटी/एम2एम, एआई/एमएल, 5जी आदि जैसे दूरसंचार के डोमेन में स्वदेशी नवोन्मेषण तथा उद्यमिता में तेजी लाने के लिए की गई है। श्री अश्विनी वैष्णव ने 5जी,  क्वांटम की डिस्ट्रिब्यूशन (क्यूकेडी) तथा उन्नत सुरक्षा परियोजनाओं सहित सी-डॉट के जारी प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों की भी समीक्षा की। उन्होंने दूरसंचार प्रौद्योगिकीयों के डिजाइन एवं विकास से जुड़े युवा इंजीनियरों तथा शोधकर्ताओं के साथ परस्पर बातचीत की। सी-डॉट के इंजीनियरों ने कई प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं में श्री वैष्णव के समक्ष विभिन्न अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकीयों का प्रदर्शन किया। सी-डॉट के शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने स्थानीय उद्योग साझीदारों से सी-डॉट के कोर तथा आरएएन द्वारा संचालित पूर्ण स्वदेशी समग्र 4जी सिस्टम बनाने में सी-डॉट की टीमों के असाधारण प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस उपलब्धि को दूरसंचार के क्षेत्र में ‘‘आत्म निर्भर भारत’’  अर्जित करने की दिशा में एक ठोस कदम करार दिया।  श्री वैष्णव ने विश्व स्तरीय 5जी नेटवर्क के निर्माण में सी-डॉट और स्थानीय प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम की क्षमताओं में भरोसा जताया जो पूरी तरह से स्वदेश में विकसित प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित है। उन्होंने स्थानीय अनुसंधान और नवोन्मेषण को अभूतपूर्व सहायता तथा प्रोत्साहन देने के सरकार के विजन को रेखांकित किया। उन्होंने सी-डॉट को दूरसंचार में वैश्विक रूप से अग्रणी बनाने के लिए सरकार से पूरी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

News image

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 में सी-डॉट द्वारा डिजाइन और विकसित पूर्ण स्वदेशी 5जी एनएसए कोर का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी), 2022 में सी-डॉट पवेलियन में सी-डॉट द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित 5जी नॉन-स्टैंडअलोन (एनएसए) कोर का शुभारंभ किया। बीएसएनएल चंडीगढ़ में स्थापित सी-डॉट 5जी एनएसए कोर और विसिग नेटवर्क्स, वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज और रैडिसिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) का उपयोग करके एंड-टू-एंड 5जी कॉल का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय स्टार्ट-अप के सहयोग से विभिन्न 5जी यूज-केस को लागू किया गया है। हरियाणा के भोरा कलां गांव और हिमाचल प्रदेश के मटियाना गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पूर्ण स्वदेशी 5जी एनएसए प्रणाली और स्टार्ट-अप की ई-हेल्थ सॉल्यूशन का उपयोग करके वीडियो कॉल करके नागरिकों को दूरस्थ चिकित्सा सहायता प्रदान करने का एक अभिनव यूज-केस प्रदर्शित किया गया। यह "गति शक्ति" की सामंजस्यपूर्ण भावना की एक सच्ची अभिव्यक्ति है जो "आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण की दिशा में है। सी-डॉट ने आईएमसी 2022 में अपने बूथ में ऑप्टिकल संचार, स्विचिंग और रूटिंग सिस्टम, वायरलेस संचार प्रौद्योगिकियों - वाईफाई, 4जी और 5जी, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कम्युनिकेशन, नेटवर्क मैनेजमेंट और आईओटी/ एम2एम, एआई/एमएल, एआर/वीआर और बिग डेटा पर आधारित कई टेलीकॉम सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन जैसे अपने अनेक उत्पाद और सॉल्यूशन प्रदर्शित किए।

News image

C-DOT और IIT, दिल्ली ने IoT/M2M, AI/ML, साइबर सुरक्षा और 5G और परे प्रौद्योगिकियों सहित दूरसंचार के विभिन्न उभरते क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटीडी) ने आज यहां आईओटी/एम2एम, एआई/एमएल, साइबर सुरक्षा और 5जी एवं उससे आगे की प्रौद्योगिकियों सहित दूरसंचार के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। आईआईटीडी, एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान और प्रतिष्ठित संस्थान (आईओई) संचार और संबंधित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में उत्सुकता से काम कर रहा है। आईआईटीडी में भारती स्कूल ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने उद्योग और अन्य प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठनों के सहयोग से उभरती राष्ट्रीय जरूरतों के लिए बहु-विषयक उन्नत अनुसंधान और समाधान विकास की अपनी प्रमुख पहल की है। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पूरी तरह से स्वदेशी दूरसंचार समाधानों के डिजाइन और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं विकास और शिक्षाविदों के बीच सहयोग के लिए एक पारस्परिक रूप से उत्पादक ढांचा विकसित करना है। यह विचार और अवधारणा के चरण से ही छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के बीच ज्ञान और कौशल के आदान-प्रदान के लिए एक प्रभावी मंच होगा। यह मंच नवीन विचारों को बाजार-तैयार समाधानों में बदलने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।

News image

सी-डॉट और एनडीएमए ने आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए राज्य सरकारों को प्रशिक्षित करने के लिए सीएपी आधारित एकीकृत चेतावनी प्रणाली- सचेत पर अखिल भारतीय कार्यशाला का आयोजन किया।

दूरसंचार विभाग (डीओटी), संचार मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), भारत सरकार ने आज यहां संयुक्त रूप से कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) आधारित एकीकृत अलर्ट सिस्टम पर केंद्रित अखिल भारतीय कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला का उद्देश्य अलर्ट जनरेटिंग एजेंसियों, अलर्ट प्राधिकरण एजेंसियों और अलर्ट प्रसार एजेंसियों सहित सभी हितधारकों को एक मंच प्रदान करना था, ताकि वे अपनी अंतर्निहित चिंताओं और चुनौतियों पर चर्चा कर सकें और विशेषज्ञों और प्रौद्योगिकीविदों के एक समूह द्वारा व्यावहारिक चर्चाओं के बीच प्रभावी तरीके से इनका समाधान करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान विकसित कर सकें। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) के अध्यक्ष और दूरसंचार सचिव (दूरसंचार), श्री के राजारमन ने की। उन्होंने आह्वान किया कि सभी प्रकार की प्रौद्योगिकी का सहयोगात्मक रूप से उपयोग किया जाना चाहिए और एकीकृत अलर्ट सिस्टम को संचालित करने में सी-डॉट और एनडीएमए की स्वदेशी पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि जीवन बचाना सरकार की मूलभूत जिम्मेदारी है और देश इस दिशा में बहुत आगे बढ़ चुका है। हाल के वर्षों में दूरसंचार क्षेत्र में पर्याप्त निवेश किया गया है और अब सभी कोने जुड़े हुए हैं, इसलिए कोई भी दूरदराज का क्षेत्र अलर्ट तंत्र के बिना नहीं रहना चाहिए। उन्होंने वर्तमान नेटवर्क के साथ-साथ आगामी 5G NSA समाधानों में सेल प्रसारण की आवश्यकता पर जोर दिया।

News image

फोन पर मिलेगा आपदा का संदेश

नई दिल्ली। देश में एक ऐसा इंटीग्रेटेड अलर्ट सिस्टम तैयार किया गया है। जिससे आकाशीय बिजली गिरने या तूफान जैसी आने वाली आपदा के बारे में लोगों के मोबाइल पर सीधे संदेश भेजा जा सकेगा। समय रहते इस जानकारी के लिए लोगों को मौसम विभाग या जिला प्रशासन पर निर्भर नहीं रहना होगा। • भारत विश्व का छठा ऐसा देश, जिसके पास ऐसी प्रणाली होगी • आकाशीय बिजली, तूफान जैसी आपदाओं की जानकारी मिलेगी 'हिन्दुस्तान' को मिली जानकारी के मुताबिक फरवरी से पहले इसे देश भर में लॉन्च कर दिया जाएगा। अमेरिका, जर्मनी, इटली, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत छठा ऐसा देश होगा जिसके पास ऐसी चेतावनी प्रणाली होगी । संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स यानि सी-डॉट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर राजकुमार उपाध्याय ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि उनके विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित अलर्ट सिस्टम तैयार किया है। इससे मौसम, आकाशीय बिजली, तूफान, कानून व्यवस्था, आग लगने और महामारी जैसी तमाम आपदाओं से जुड़ी जानकारी निश्चित इलाके के लोगों को सीधे एसएमएस और दूसरे संचार मध्यमों के जरिए देने का काम बड़ी आसानी हो जाएगा। सी डॉट की तरफ से तैयार तकनीक का कोरोना काल में संदेशों को भेजने में लिए इस्तेमाल परीक्षण के तौर पर किया गया था। पृथकवास केंद्रों के लोग इलाके से बाहर तो नहीं जा रहे हैं, इसका पता लगाया गया था। सफल रहा परीक्षण: देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एसडीएमए विभागों को इस तकनीक से जोड़ दिया गया है। अमरनाथ यात्रा, बाढ़, तूफान, दंगों के दौरान 75 करोड़ एसएमएस के जरिये लोगों को चेतावनी देने का परीक्षण सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया है। सिस्टम लॉन्च करने के लिए फरवरी की डेडलाइन मिली है।

31-08-2022