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 समाचार

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दूरसंचार सचिव श्री के. राजारमन ने सी-डॉट परिसर का दौरा किया; भविष्योन्मुख व अत्याधुनिक क्वांटम संचार प्रयोगशाला का उद्घाटन किया

रसंचार विभाग, भारत सरकार में डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष और दूरसंचार सचिव श्री के. राजारमन ने कल सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के दिल्ली परिसर का दौरा किया। सी-डॉट दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार का प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। उन्होंने सी-डॉट के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की और सी-डॉट द्वारा विकसित की जा रही अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने उन्हें सी-डॉट द्वारा किए गए दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी। इसके बाद उन्होंने 4जी/5जी, जीपीओएन, एनक्रिप्टर्स, राउटर्स, वाईफाई, साइबर सुरक्षा आदि की प्रयोगशालाओं सहित सी-डॉट की विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा किया। उन्होंने विभिन्न अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में काम कर रहे शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित किया और बाद में सी-डॉट अधिकारियों को संबोधित किया। सी-डॉट के बेंगलुरु परिसर के अधिकारी सी-डॉट द्वारा इन-हाउस विकसित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग टूल के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री राजारमन ने सी-डॉट इंजीनियरों को दूरसंचार के क्षेत्र में "आत्मनिर्भर भारत" के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में पूर्ण समर्पण के साथ काम करने को कहा। उन्होंने दूरसंचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सी-डॉट के योगदान की भी सराहना की और सी-डॉट के सभी प्रयासों में दूरसंचार विभाग के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने स्वदेशी 4जी प्रौद्योगिकी और जारी 5जी विकास परियोजना के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सी-डॉट की सराहना की। (सी-डॉट) की 4जी तकनीक का पहले से ही चंडीगढ़ और अंबाला में बीएसएनएल नेटवर्क में प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) परीक्षण चल रहा है)। उन्होंने सी-डॉट को उभरती प्रौद्योगिकियों पर नजर रखने, प्रौद्योगिकी जीवन चक्र के साथ चलने पर जोर दिया और सी-डॉट को आने वाले समय के बाजार को पकड़ने के लिए 6जी और भविष्य की अन्य प्रौद्योगिकियों पर काम शुरू करने के लिए कहा।

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सी-डॉट ने अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया

दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार का प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने कल अपना 38वां स्थापना दिवस समारोह मनाया। इस बार भी सी-डॉट ने अपने स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में दूरसंचार और आईसीटी के नए उभरते आयामों से संबंधित समकालीन विषयों पर तकनीकी कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन जारी रखा। हालांकि, कोविड महामारी होने के चलते इस साल सी-डॉट ने जीबी मीमांसी व्याख्यान श्रृंखला 2021 के हिस्से के रूप में वर्चुअल तरीके से अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में दुनिया भर के कई क्षेत्रों के विशेषज्ञों, दूरसंचार दिग्गजों और शिक्षाविदों ने भविष्य की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों पर अपने व्यावहारिक अनुभव और गहन ज्ञान को साझा किया। तकनीकी सम्मेलन का उद्घाटन श्री अंशु प्रकाश, अध्यक्ष, डिजिटल संचार आयोग और सचिव (दूरसंचार), भारत सरकार द्वारा किया गया।

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सी-डॉट अपनी स्वदेशी तकनीकी नवाचारों के जरिये "आत्मानिर्भर भारत" के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

कार्यक्रम में बोलते हुए श्री प्रकाश ने इंजीनियरों को बीएसएनएल नेटवर्क में सी-डॉट 4जी एलटीई कोर के प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) की दिशा में सफलतापूर्वक लगातार काम करने का आह्वान किया। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि राष्ट्र की चुनौतीपूर्ण संचार जरूरतों को पूरा करने और "आत्मनिर्भर भारत" के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने के दिशा में सी-डॉट द्वारा 5जी एनएसए और एसए के स्वदेशी विकास के लिए यह एक बहुत ही उपयुक्त समय है। श्री दीपक चतुर्वेदी, सदस्य (सेवाएं), डिजिटल संचार आयोग, भारत सरकार ने रियल टाइम जटिल समस्याओं को हल करने, राष्ट्रीय नेटवर्क को मजबूत करने और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

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प्रभावशाली आपदा प्रबंधन के लिए अखिल भारतीय एकीकृत चेतावनी प्रणाली को डिजाइन/विकसित करने के लिए कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) प्रयोगशाला शुरू की

यह कार्यक्रम डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष द्वारा सी-डॉट के कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) लैब का शुभारंभ का भी गवाह बना। इस लैब में प्रभावशाली आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक चेतावनी और आपातकालीन स्थितियों में खतरे की सूचना के लिए एनडीएमए द्वारा अखिल भारतीय एकीकृत चेतावनी प्रणाली का विकास और कार्यान्वयन किया जाएगा।

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भारत सरकार के माननीय संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान जी ने सी-डॉट बेंगलुरु परिसर का दौरा किया और शोधकर्ताओं और इंजीनियरों के साथ बातचीत की।

सी-डॉट बेंगलुरु परिसर का दौरा करने के लिए भारत सरकार के माननीय संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान जी को हार्दिक धन्यवाद और हार्दिक आभार व्यक्त करता है। सी-डॉट इंजीनियरों के लिए माननीय मंत्री के समक्ष अपने विविध स्वदेशी दूरसंचार उत्पादों का प्रदर्शन करना बहुत प्रेरणादायक था। माननीय केंद्रीय मंत्री ने सी-डॉट के अनुसंधान एवं विकास प्रयासों की सराहना की और युवा इंजीनियरों को आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए नवाचार करने के लिए अपने उत्साह और जुनून को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।