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सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स

भारत सरकार का दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र

 समाचार

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सी-डॉट ने विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (डब्ल्यूटीआईएसडी)- 2022 के अवसर पर "आईओटी/एम2एम के लिए नवाचार केंद्र (सीओआई)" पर वेबिनार का आयोजन किया

सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने 17 मई 2022 को "विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (डब्ल्यूटीआईएसडी)" के अवसर पर "आईओटी/एम2एम के लिए नवाचार केंद्र (सीओआई)" पर एक वेबिनार का आयोजन किया। सी-डॉट, भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अधीन दूरसंचार विभाग का एक प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान और विकास केंद्र है। डब्ल्यूटीआईएसडी-2022 "वृद्धजनों और स्वस्थ प्रौढ़ता के लिए डिजिटल तकनीक" विषयवस्तु पर केंद्रित है। दूरसंचार और सूचना व संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) लोगों को शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से स्वस्थ, संपर्क में बने रहने व स्वतंत्र रहने को लेकर सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ आर्थिक व स्वास्थ्य प्रणालियों की समग्र स्थिरता सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन्स (एम2एम)/इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) विशेष रूप से हमारे जीवन को नए तकनीकी नवाचारों के साथ आसान, आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिए लक्षित हैं। डब्ल्यूटीआईएससी- 2022 वेबिनार प्रासंगिक हितधारकों के योगदान के साथ स्वदेशी एम2एम/आईओटी इकोसिस्टम विकसित करने में "आईओटी/एम2एम के लिए नवाचार केंद्र" की भूमिका पर केंद्रित है। वहीं, इसका उद्देश्य उद्योग, स्टार्टअप्स, अकादमिक और व्यापक दूरसंचार समुदाय को तकनीकी नवाचारों के साथ डिजिटल रूपांतरण की दिशा में आगे आने, सहभागिता करने व योगदान करने के लिए आमंत्रित करना है। इसके अलावा यह वेबिनार स्मार्ट शहरों, स्मार्ट जीवन और वृद्धजन व विशेष रूप से दिव्यांगजनों सहित सभी के लिए स्वस्थ व टिकाऊ वातावरण के संबंध में एक डिजिटल प्रौद्योगिकी परिदृश्य के निर्माण में आईओटी/एमटूएम की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। भारत सरकार के डिजिटल संचार आयोग के सदस्य (प्रौद्योगिकी) श्री ए.के. तिवारी और आयोग के अन्य सदस्य (सेवा) श्री निजामुल हक की गरिमामयी उपस्थिति ने इस वेबिनार की शोभा को बढ़ाने का काम किया।

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रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने सी-डॉट के स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए तकनीकी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ब्रॉडबैंड के प्रसार के लिए पीएम-वाणी योजना शुरू की।

रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने आज प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वाणी) योजना शुरू की, जिसके तहत सी-डॉट के स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए तकनीकी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके देश में 2200 वाई-फाई हॉटस्पॉट को जोड़ा जाएगा। लॉन्च समारोह में रेलटेल के सीएमडी श्री पुनीत चावला और सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजकुमार उपाध्याय शामिल हुए। पीएम-वाणी इकोसिस्टम का उद्देश्य इंटरनेट बैंडविड्थ वितरित करने और अंतिम मील कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए समर्पित कार्यों वाली विभिन्न संस्थाओं से युक्त एक आर्किटेक्चर पर आधारित सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस पॉइंट्स का एक नेटवर्क बनाना है। इससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सुरक्षित, सुविधाजनक और लागत प्रभावी तरीके से इंटरनेट तक पहुंच सुनिश्चित होगी। इससे गांव स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कार्यक्रम में बोलते हुए, सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों सहित भारत के विविध भूगोल की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित प्रौद्योगिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने सी-डॉट और रेलटेल के बीच तालमेलपूर्ण जुड़ाव पर जोर दिया, जो भारतीय रेलवे सहित राष्ट्रीय नेटवर्क में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के डिजाइन, विकास और तैनाती के लिए नवाचार को बढ़ावा देगा। पीएम-वाणी हॉटस्पॉट देश भर के ग्रामीण और दूरदराज के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को लागत प्रभावी इंटरनेट देने में कारगर साबित होंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित पीएम-वाणी ढांचे के शुभारंभ के लिए रेलटेल को बधाई दी और आश्वासन दिया कि सी-डॉट राष्ट्रीय विकास के व्यापक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए रेलटेल की विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ अपने स्वदेशी दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को संरेखित करने की दिशा में अथक प्रयास करेगा। रेलटेल के सीएमडी श्री पुनीत चावला ने सी-डॉट और रेलटेल के बीच पारस्परिक रूप से उत्पादक गठबंधन में अपना अत्यधिक विश्वास व्यक्त किया जो पूरे देश को पीएम-वाणी ढांचे से शीघ्रता से जोड़ेगा। इससे असेवित और कम सेवा वाले क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा और “आत्मनिर्भर भारत” की नींव को और मजबूत किया जाएगा।

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सी-डॉट और सी-डैक ने दूरसंचार और आईसीटी के विविध क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केन्‍द्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने स्वदेशी तकनीकी डिजाइन और विकास को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार और आईसीटी के विविध क्षेत्रों में एक साथ काम करने के उद्देश्य से 30 अप्रैल, 2022 को बैंगलोर में सेमीकॉनइंडिया 2022 कार्यक्रम में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। सी-डॉट के निदेशक श्री डेनियल जेबराज और सी-डैक के महानिदेशक श्री ई. मगेश ने केन्‍द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और केन्‍द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने दोनों संगठनों के वरिष्‍ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में भाग लिया।

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रेलवे और सी-डॉट सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं के लिए भारतीय रेलवे में दूरसंचार के आधुनिकीकरण के लिए मिलकर काम करेंगे

रेल मंत्रालय ने रेलवे में सी-डॉट के दूरसंचार समाधान और सेवाएं देने और उनके कार्यान्वयन में दूरसंचार सुविधाओं के प्रावधान के संबंध में तालमेल और संसाधनों को साझा कर एक मजबूत सहयोगी के रूप में कार्य करने की साझेदारी के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के साथ बुधवार, 27 अप्रैल, 2022 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन के साथ, सी-डॉट और रेल मंत्रालय विश्व मानकों, मेक इन इंडिया (एमआईआई) नीति के अनुरूप भारतीय रेलवे में 5जी उपयोग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) / मशीन टू मशीन (एम2एम) एप्लीकेशन, यूनिफाइड नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम, ओएफसी मॉनिटरिंग / नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस), वीडियो कॉन्फ्रेंस सॉफ्टवेयर (वीसी डॉट), चैटिंग एप्लिकेशन, राउटर, स्विचेस के होने पर एलटीई-आर का उपयोग कर सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं के लिए भारतीय रेलवे में दूरसंचार के आधुनिकीकरण के लिए मिलकर काम करेंगे। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में दोनों संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री राजकुमार उपाध्याय, और अतिरिक्त सदस्य/दूरसंचार/रेलवे बोर्ड श्रीमती अरुणा सिंह उपस्थित थीं। सी-डॉट और रेल मंत्रालय के बीच तालमेल स्वामित्व की कुल लागत को कम करके, भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने और देश में डिजिटल डिवाइड को पाटने में मदद करके ट्रेनों के संचालन, सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा एप्‍लीकेशनों के लिए स्वदेशी किफायती दूरसंचार उपकरण और सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगा।

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टेलीकॉम लीडरशिप फोरम के 21वें संस्करण में सी-डॉट को वॉइस एंड डाटा एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया

भारत सरकार के संचार मंत्रालय में दूरसंचार विभाग के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) को "सम्मिलन के युग (एरा ऑफ कन्वर्जेंस)" पर आयोजित सम्मेलन टेलीकॉम लीडरशिप फोरम के 21वें संस्करण में सम्मानित किया गया है। वॉयस एंड डेटा द्वारा वर्चुअल तरीके से इसका आयोजन आईओटी अनुप्रयोगों के लिए वनएम2एम (वन मशीन टू मशीन) मानक पर आधारित स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित मानकीकृत "सी-डॉट कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म (सीसीएसपी)" के लिए 22 मार्च, 2022 को किया गया। इस वर्चुअल सम्मेलन में सरकार और संचार उद्योग की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया और उन्होंने भारत के दूरसंचार परितंत्र के बदलाव पर अपना विज़न, विचार और अंतर्दृष्टि साझा की। आज के आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) समाधान वर्टिकल सेंट्रिक हैं और इस प्रकार, मजबूती से जोड़े में बंधे हैं और आपस में संचालन योग्य (इंटरऑपरेबल) नहीं हैं। इन आईओटी परितंत्र का वास्तविक मूल्य विभिन्न अलग-अलग अनुप्रयोगों के बीच अंतर-संचालन क्षमता (इंटरऑपरेबिलिटी) और डेटा साझा करने से आता है। हमारे शहरों, गांवों और उद्योगों को स्मार्ट बनाने के लिए अरबों उपकरण (सेंसर, एक्चुएटर, गेटवे आदि) लगाए जा रहे हैं। आईओटी/एम2एम अनुप्रयोगों के कैपेक्स और ओपेक्स दोनों को कम करने के लिए मानकीकृत प्लेटफार्मों की अंतर-संचालन क्षमता आवश्यक है। सी-डॉट का कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म- सीसीएसपी एक वनएम2एम आधारित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है जो आईओटी/एम2एम में समाधान विकसित करने और तैनात करने के लिए एक मानक आधारित दृष्टिकोण प्रदान करता है। सीसीएसपी विभिन्न डोमेन के आईओटी अनुप्रयोगों के लिए हॉरिजोंटल कॉमन सर्विस लेयर प्रदान करता है। सीसीएसपी एक ही हॉरिजोंटल प्लेटफॉर्म पर कई उद्योग-विशिष्ट उपयोग मामलों में काम आ सकता है। सीसीएसपी अनुप्रयोगों और डेटा प्रोसेसिंग एवं संचार हार्डवेयर के बीच लगता है।और यह मानक आधारित इंटरफेस का उपयोग करके अलग-अलग अनुप्रयोगों के बीच सुरक्षित तरीके से डेटा को साझा करना संभव बनाता है।